अध्यापक के नाम पत्र
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अनुवादक : सरला मोहनलाल
126 pages | hardbound
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About the Book
यह पुस्तक न्यूज़ीलैंड के माओरी बच्चो को शिक्षा को समर्पित एक अध्यापिका के जीवनुभावो का निचोड़ और बालकेन्द्रित शिक्षण पद्धति का सृजनात्मक दस्तावेज है I इसे ही लेखिका ने सहज शिक्षण कहा हैI बच्चो को केंद्र में रखकर शिक्षा देना बहुत कठिन काम है. अगर अध्यापक में कल्पना, संवेदनशीलता और आनंद पैदा करने की क्षमता नहीं है तो वह अपनी कक्षा को जीवंत नहीं बना सकता और आनंद रहित शिक्षण बच्चो के लिए दंड है और अध्यापक की असफलता का घोतक भी I