जैविक खेती प्रशिक्षण
लेखक : राजेन्द्र सिंह राठौर
125 pages | Paperback
About the Book
राजेन्द्र सिंह राठौर: 59 वर्ष, जीव विज्ञान स्नातक, पुश्तैनी 24 हेक्टेयर भूमि में से करीब 18 हेक्टेयर जमीन पर 1986 से भरपूर कृषि रसायनों का प्रयोग करते हुए खेती शुरू की। चार-पांच वर्ष तक इसी प्रकार खेती करने के बाद समझ में आया कि इस खेती से पैसा, स्वास्थ्य और इज्जत कुछ भी नहीं मिलने वाला है। खेत की मिट्टी और पर्यावरण खराब हो रहे हैं, सो अलग।
1993 में जापान के एक किसान और कृषि वैज्ञानिक मासानोबू फुकुओका लिखित पुस्तक का हिंदी अनुवाद ‘‘एक तिनके से क्रांति‘‘ (बनियन ट्री) पढ़ी और दुनिया के लाखों किसानों की तरह इस पुस्तक ने इनकी भी सोच बदल दी। तब से अंतरवर्ती और मिश्रित जैविक खेती कर रहे हैं। इस प्रकार की खेती में कीट नियंत्रण के जैविक उपाय करने की भी आवश्यकता नहीं रहती है। पिछले लगभग 10 वर्ष से बिना स्प्रेयर की तथा पिछले 20 वर्षों से असिंचित खेती कर रहे हैं।